पुरुलिया आर्म्स ड्रॉप केस: भारत की सुरक्षा पर एक रहस्यमयी धब्बा
भूमिका: 1995 में भारत की हवाई सीमाओं में हुई एक रहस्यमयी घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। एक रूसी मालवाहक विमान, कराची से उड़कर ढाका नहीं बल्कि भारत के वायुमार्ग का उपयोग करते हुए पश्चिम बंगाल के पुरुलिया ज़िले में भारी मात्रा में हथियार गिराता है। यह घटना भारतीय सुरक्षा एजेंसियों, अंतरराष्ट्रीय खुफिया तंत्र, और राजनीतिक दलों की भूमिका पर बड़े सवाल खड़े करती है। आइए इस घटना की परत-दर-परत पड़ताल करते हैं। 1. घटनाक्रम की पृष्ठभूमि: 5 दिसंबर 1995 की रात, एक रूसी AN-26 विमान कराची से ढाका की ओर उड़ता है। रास्ते में यह विमान वाराणसी में लैंड करता है, रिफ्यूलिंग करता है, और फिर पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ता है। रात के अंधेरे में यह विमान पुरुलिया ज़िले में हथियार गिराता है, जिनमें AK-47, रॉकेट लॉन्चर, हैंड ग्रेनेड्स और लाखों राउंड गोलियां शामिल थीं। यह विमान इसके बाद थाईलैंड चला जाता है, लेकिन वापसी के दौरान भारतीय वायुसेना के मिग-21 द्वारा इंटरसेप्ट कर मुंबई हवाई अड्डे पर उतरने के लिए मजबूर किया जाता है। 2. विमान में मौजूद लोग: विमान से पकड़े गए 7 लोग थे: पीटर ब्लीच: पूर्व ...